बेटियों की उच्च शिक्षा और उनके विवाह के लिए मोदी सरकार ने यह लघु बचत योजना शुरू की है। वित्त मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। बेटियों की उच्च शिक्षा और
उनके विवाह के लिए सरकार ने लघु बचत योजना शुरू की है। सुकन्या समृद्धि
नामक इस योजना के तहत लोग बेटी के जन्म के वक्त डाकघरों में बचत खाता खोल
सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म से लेकर दस वर्ष की आयु तक कभी भी खाता खोला जा सकेगा। योजना शुरू होने के वक्त जिन बालिकाओं की उम्र दस वर्ष हो चुकी है, उनके अभिभावक भी खाता खोल सकेंगे। अधिसूचना के मुताबिक इस योजना की सुविधा केवल दो बेटियों के लिए ही मिलेगी। लेकिन, पहली बेटी के बाद यदि जुड़वां बेटियां पैदा होती हैं तो तीसरी बेटी को भी इसका लाभ मिलेगा।
बजट में की गई थी घोषणा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस योजना की घोषणा 10 जुलाई, 2014 को संसद में पेश बजट में की थी। वित्त मंत्री ने तब "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" नाम से इसका एलान किया था। योजना के तहत माता-पिता बेटियों के लिए डाकघर में बचत खाता खोल सकेंगे। अभी हालांकि यह तय नहीं हुआ है कि इस योजना के तहत जमा खाते पर कितना ब्याज मिलेगा? अधिसूचना में कहा गया है कि योजना में ब्याज दर क्या होगी, इसकी घोषणा अलग से की जाएगी। (shaiesh kutchh)
एक हजार से खुलेगा खाता
योजना के तहत किसी भी डाकघर अथवा सरकार द्वारा अधिसूचित बैंक शाखा में एक हजार रुपये से खाता खोला जा सकेगा। हर साल न्यूनतम एक हजार और अधिकतम डेढ़ लाख रुपये इस खाते में जमा कराए जा सकते हैं। बेटियों के लिए विशेष तौर पर बनाई गई इस योजना के तहत खाता खोलने से चौदह वर्ष तक धन जमा कराना होगा। यदि किसी वर्ष खाते में न्यूनतम राशि जमा नहीं होती है तो पचास रुपये के दंड का प्रावधान भी रखा गया है। खाते की परिपक्वता अवधि उसके खोले जाने से 21 वर्ष पूरे हो जाने पर ही होगी। यदि बालिका का विवाह 21 वर्ष की आयु से पहले हो जाता है तो विवाह के पश्चात उसे खाता चलाने की अनुमति नहीं होगी।
बालिका की उच्चतर शिक्षा अथवा विवाह आदि की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाते की पचास फीसद राशि निकाली जा सकेगी। लेकिन, यह अनुमति बालिका के 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर ही मिलेगी।
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